आओ जल्दी करो आगे बढ़ते चलो !
छोड़कर वक्त आगे निकल जाएगा !!
कल पे टालोगे तो आज-कर करते ही !
हाथ से ये मौका भी फिसल जाएगा !!
है अभी खेलने और खाने का दिन !
है जवानी तो है लुफ्त उठाने के दिन !!
जब ढलेगा बदन तब करेगे भजन !
इस भरम में ही आएगा जाने के दिन !!
शक्ति ही जब निकल होगी तो क्या भक्ति हो !
जब बुढापे में योवन बदल जाएगा !!
चिडिया चुग जायेगी उमर की खेतिया !
Saturday, December 13, 2008
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